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बुलेटिया कलेक्टर 2

"तुम्हारी मौत का पैगाम आया है, सुन लो,,,इस देश के गैंगस्टर, धर्मेंद्र बन गया कलेक्टर, सुन लो, चोर-उच्चको,  लड़कियों को परेशान करने वालो, लड़कियों को छेड़ने वालों, और लड़कियों को मेरे खिलाफ, भड़काने वालों, अब तुम सबका, बजेगा बैंड, क्योंकि अब चलेगा कलेक्टर का ट्रेंड"!धर्मेंद्र ने लल्लू को तमाचा मारते हुए कहा और लल्लू एक तमाचे में जमीन पर गिर गया,

"कलेक्टर साहब"! हम चोर-उचक्के जरूर हैं पर लड़कियां नहीं छोड़ते हैं"! लल्लू के साथी ने कहा

"चोरी करना, लड़कियों को छेड़ने से भी बड़ा जुर्म है, अब तुम्हारे पास सिर्फ एक ही उपाय है, मेरी बंदूक की गोली खाओ और मर जाओ"! धर्मेंद्र ने कलेक्टर की तरह कहा

"कलेक्टर साहब"! "आपके पास बंदूक तो है  नहीं"!एक साथी ने पूछा

"पोस्टमैन"! "मेरी गन का पार्सल कहां है"! धर्मेंद्र ने पोस्टमैन की तरफ आंख मारते हुए कहा

"कलेक्टर साहब"! "झोले में रखी है, निकालु क्या"? पोस्टमैन ने धर्मेंद्र की बात में हामी ही भरते हुए कहा

"निकालु क्या"? धर्मेंद्र ने लल्लू से कहा

"अरे,,,नहीं, मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं"! लल्लू ने पांव पढ़ते हुए कहा

"मुझे भी माफ कर दो, "कलेक्टर साहब"! "मेरे बच्चे-बच्ची होने वाले हैं"! दूसरे गुंडे ने पांव पढ़ते हुए कहा

"मुझे भी माफ कर दो, "कलेक्टर साहब" मेरे बच्चे मेरी गर्लफ्रेंड के पेट में है"! पांव पढ़ते हुए कहा तीसरे गुंडे ने कहा "तेरे बच्चे नहीं है, लालिया"! धर्मेंद्र ने गब्बर की स्टाइल में कहा

"मुझे तो तुम, मार ही डालो, "कलेक्टर साहब" मेरी किस्मत तो सफेद पेज पर सफेद रंग से लिखी हुई है, जो लिखा तो गई, पर पड़ी नहीं गई, ना तो सेटिंग हुई, ना कभी सगाई हुई, ना शादी हुई, आज मार ही डालो"! चौथे ने रोते हुए कहा

"अरे,,,,इस अपराधी की कहानी, तो मुझसे मिलती-जुलती है, मतलब यह मेरी बिरादरी का है, जरूर इसको भी किसी, लड़की ने मौका नहीं दिया होगा, इसीलिए इसने, जुर्म का रास्ता अपना लिया होगा"! धर्मेंद्र ने यह विचार किया और कहा -"चल ठीक है, तेरा दिल है साफ, तुझे किया माफ, देखो,,,अगर अपनी मौत से बचना चाहते हो तो मेरी गैंग में शामिल हो जाओ"! धर्मेंद्र ने कहा

"अरे,,,"कलेक्टर साहब"! "आप हमारी, लल्लू गैंग में शामिल हो जाओ, आपको लीडर बनाएंगे"! लल्लू ने कहा

"धर्मेंद्र ने उसे एक तमाचा दिया और कहां -"चुप,,,अब चुप ही रहना, मैंने, कलेक्टर बनने से पहले एक, झनाटेदार प्लान बनाया था, अपराध मुक्त भारत, इंग्लिश में बोले तो, क्राइम फ्री भारत, उससे जुड़ जाओ, मैं, तुम्हें माफ कर दूंगा"! धर्मेंद्र ने कहा

"पर हमें करना क्या होगा"? अपराधी ने पूछा

"अपराध खत्म करने में पुलिस की मदद करनी होगी"! धर्मेंद्र ने बताया

"ठीक है, हमें मंजूर है,"!सभी लोगों ने एक साथ कहा

"अब जाओ और मैं, जब भी बुलाऊं, कुत्ते जैसे दौड़कर आ जाना"! धर्मेंद्र ने कहा

सभी हाँ में गर्दन हिला कर चले जाते हैं

फिर धर्मेंद्र अपने घर आता है और अपने पापा से कहता है -"क्या कहा था तुमने, कि मैं कभी कलेक्टर नहीं बन पाऊंगा, अरे,,,,आप बाप हो या सांप हो, अपने बेटे के बारे में कोई ऐसा बोलता है क्या  "? "तुम्हें शर्म नहीं आती"! धर्मेंद्र ने सीरियसली गुस्से से कहा

"क्यों"? "क्या हुआ"? पिता ने चिंता से पूछा

"अरे,,,,मैं कलेक्टर बन गया, "हां",,,मैं कलेक्टर बन गया और तुम, कलेक्टर के पापा बन गए हो"! धर्मेंद्र ने खुशी जताते हुए कहा

"पापा कहते हैं, बेटा नाम करेगा"! "बेटा हमारा ऐसा, काम करेगा"! पिता ने गाना गाते हुए और नाचते हुए धर्मेंद्र को गले लगाया और शुभकामनाएं दी

"अरे,,  धर्मेंद्र बिलोतिया का घर यही है, किसी ने घर के बाहर से आवाज लगाई, धर्मेंद्र बाहर आया, उसके सामने एक दुबला-पतला लड़का, आंख का चश्मा लगाए, घर के बाहर खड़ा है, धर्मेंद्र ने उसे गौर से देखा और कहा -"और हादसा की दुकान, क्यों चिल्ला रहा है"!

"मैं, घर के नौकरों से बात नहीं करता हूँ, जा कलेक्टर साहब को बुलाकर ला, उनसे काम है"! उसे लड़के ने कहा

"तो मैं, क्या कलेक्टर का फोटो खड़ा हूं, आई एम डिस्ट्रिक्ट मिनिस्टर, धर्मेंद्र बिलोतिया"! धर्मेंद्र ने उसे चांटा मारते हुए कहा

"सलाम साहब"! "मैं, आपका ड्राइवर "पांडू नंगा"! पांडु ने सलूट करते हुए कहा

"मेरी लाल बत्ती कार कहां है"? "मुझे इस गांव का राउंड लगाना है"! धर्मेंद्र ने अकड़ कर पूछा

"आपकी कार का इंजन, चोर, चुरा कर ले गए, इसलिए सरकार ने आपके लिए बुलेट भेजा है, और यह लो, बैग, इसमें आपकी ड्रेस, बंदूक, गुंडो की लिस्ट, खबरी के नंबर, सब कुछ है"! पांडू ने बैग देते हुए कहा

धर्मेंद्र ने वही बैग खोला और कुछ देर में वहीं पर कपड़े बदलकर, जूते, बेल्ट, चश्मा, सब कुछ लगाकर, रेडी हो गया और उसने कहा -"ड्राइवर"! "चाबी दो"!

फिर धर्मेंद्र ने बाइक को चारों ओर घूम कर देखा और कहां -"आज से मेरा नाम, "कलेक्टर बुलेटिया"! "कलेक्टर बुलेटिया"....."कलेक्टर बिलेटिया"....साउंड बजता है

और कीक मार कर, बुलेट स्टार्ट की और आगे बढ़ा, पांडु ने उसके पीछे दौड़ लगाई, गांव के लोग, धर्मेंद्र को एसे देख रहे हैं, जैसे गांव में भूत आ गया

फिर धर्मेंद्र ने सरपंच के सामने बुलेट रोका और स्टाइल में चला,फिर अपना चश्मा निकालकर कहता है -"यू आर अंडर, अरेस्ट"! "पब्लिक को धोखा देने के जूर्म में, तुम्हें गिरफ्तार करता हूं"!

"अरे,,,धर्मेंद्र, हम बचपन के दोस्त हैं"! सरपंच ने कहा

"कलेक्टर को नाम से बुलाने के जुर्म में, तुम्हें चांटा मारता हूं"! धर्मेंद्र ने चांटा मारते हुए कहा

"कलेक्टर साहब"! "मैं, आपका बचपन का दोस्त हूं"! सरपंच ने हाथ जोड़ते हुए कहा

"कलेक्टर को इमोशनल ब्लैकमेल, करने के जुर्म में, तुम्हें एक और चांटा मारता हूं"! धर्मेंद्र ने एक और चांटा मारा

"कलेक्टर साहब"! "मुझे माफ कर दो"! सरपंच ने रोते हुए कहा

"गांव के लोगों की, जितनी भी समस्या है, आज रात होने से पहले, खत्म हो जानी चाहिए, अगर नहीं हुई तो लेट्रिन के टैंक में डलवा दूंगा तुम्हें, "हां"...धर्मेंद्र ने कहा

"ठीक है, "कलेक्टर साहब"! सरपंच ने जाते हुए कहा

फिर धर्मेंद्र सभी पब्लिक को संबोधित करते हुए कहता है -"मैं कलेक्टर बुलेटिया, रिश्वतखोरो, चोर-उच्चको, रिश्वत खोरो, गुंडो- बदमाशो के सर, कसम खाकर, यह शपथ लेता हूं कि मैं, तुम्हारा जीना हराम कर दूंगा, गरीबों पर जुल्म करना बंद कर दो, नहीं तो मैं, तुम पर जुल्म करना, शुरू कर दूंगा, "हां"...धर्मेंद्र ने कहा

"अब पांडू, बुलेट चलता है और धर्मेंद्र उसके पीछे बैठता है, कुछ दूर जाने के बाद, उसे कविता दिखाई देती है

"ड्राइवर बुलेटिया का बुलेट रोको"! धर्मेंद्र ने कहा

"पांडू, कविता के सामने बुलेट को रोकता है -"अरे,,,,वाह, धर्मेंद्र बेबी, तुम कलेक्टर बन गए"! कविता ने प्यार से कहा

"कल भाई और आज बेबी, गिरगिट की बेटी, इधर कहां से आ रही है"? धर्मेंद्र ने सख्त आवाज में पूछा

"सरकारी बगीचे से फूल तोड़ कर, आ रही हूं, यह गुलाब तुम्हारे लिए"! कविता ने प्यार से गुलाब देते हुए कहा

"मैं, तुम्हें, मासूम फूलों की जान लेने और कलेक्टर को फूल की रिश्वत देने के जुल्म में गिरफ्तार करता हूं"! धर्मेंद्र ने सख्त अंदाज में कहा

"क्या"? "कल तक तो मुझसे, बात करने के लिए, मरा करते थे और आज मुझसे, फूल लेने से मना कर रहे हो, कलेक्टर बन गये हो तो ज्यादा, होशियारी मत दिखाओ"! कविता ने कहा

"अरे,,,छोरी, "कलेक्टर साहब"! "से बात करने की तमीज नहीं है, अभी जेल में बंद करवा दूंगा"! पांडु ने कहा

"नहीं पांडू,,लेडिस से इस तरह बात नहीं करते हैं, मुझे इसके पास से ड्रग्स की खुशबू आ रही है"! धर्मेंद्र ने सुंघते हुए कहा

"कलेक्टर साहब"! "मेरे पास कोई ड्रग्स नहीं है, मां की कसम, मैंने कभी ड्रग्स देखा भी नहीं है"! कविता ने डरते हुए कहा

"पर मुझे तो ड्रग्स दिख रहा है और मुझे नशा भी चढ़ रहा है, मुझे, तुम्हारी तलाशी लेनी पड़ेगी, चलो दोनों हाथ ऊपर करो, पीछे घूमो, वापस मेरी और मुंह करो"!

फिर धर्मेंद्र उसके गालों पर उंगलियां घूमाता है

"मेरे गालों को क्यों छू रहे हो, "कलेक्टर साहब"! "मेरे मुंह में कुछ भी नहीं है, "आआआआआ"!,,,,,,कविता ने मुंह फाढ़ते हुए कहा

"दांत मत दिखा, मुंह बंद कर और गाल पर कितना मेकअप लगाती हो, मेरे हाथ खराब कर दिए, तुम लड़कियों को कोई, बिना मेकअप के देख ले तो इश्क का भूत उतर जाए, इतनी डरावनी शक्ल है, तुम्हारी, चलो हाथ ऊपर करो, अभी कमर की तलाशी बाकी है"! धर्मेंद्र ने कहा

"तभी धर्मेंद्र दोनों हाथ से कविता की कमर स्पर्श करता है और पीछे से उसके पापा की आवाज आती है -"धर्मेंद्र"! "तेरे बाप का माल है, जो चेक कर रहा है"! पिता ने कहा

धर्मेंद्र को करंट सा लगता है,उसने चिल्लाते हुए, झटका खाया और नीचे गिरा,

"कलेक्टर साहब"! "को नाम से बुलाता है, जंगली जानवर"! पांडु ने चांटा मारते हुए कहा

"धर्मेंद्र ने कुछ देर, आश्चर्य से पांडु को देखा और एक चांटा मारकर कहा -"पापा है मेरे, यह तो जिंदगी भर ऐसे ही बोलेंगे"!

"सॉरी सर"! पांडु ने कहा

"अरे,,,तू यहां, सेटिंग बाजी कर रहा है, डाकू शैतान सिंह, अपनी बकरी का बच्चा, चुरा कर, जंगल ले गया है, जा,,,उसे पकड़ और अपना बकरी का बच्चा, वापस लेकर आ"! पिता ने कहा

फिर धर्मेंद्र अपनी गैंग को बुलाता है, लल्लू गैंग, सरपंच, पांडु और उसके पिता सभी इकट्टा होते हैं फिर वह जंगल जाते हैं, धर्मेंद्र की बुलेट पर उसके पिता और पांडु बैठा हुआ है और बाकी के लोग, उसके दोनों तरफ दो-दो साइकिल चला रहे हैं और धर्मेंद्र की बुलेट बीच में चल रही है

फिर वह जंगल आकर रुकते हैं और नीचे उतरते हैं,

-"आधे इधर चले जाओ, आधे उधर जाओ, बाकी मेरे साथ आओ"! धर्मेंद्र ने कहा और पीछे देखा, उसके पीछे कोई नहीं है

धर्मेंद्र थोड़ा आगे जाता है तो उसे एक भिखारी मिलता है -"कौन हो तुम"? "और मुझे देखकर, इतना पसीना क्यों आ रहा है"? "क्या गलत काम किया है तूने"? धर्मेंद्र ने पूछा

"साहब,,,मेरा नाम शैतान सिंह है"!उसने बताया

"ओह,"आई  सी, तो तुम हो  डाकू शैतान सिंह, मेरी बकरी का बच्चा क्यों चुराया"? धर्मेंद्र ने पूछा

"वह बकरी, आपकी पत्नी है, और वह बच्चा, तुम्हारा बेटा है"! शैतान सिंह ने पूछा

"अरे,,,नहीं, वह बकरी मेरे पापा की है और वह बच्चा उस बकरी का है"! धर्मेंद्र ने बताया

"अच्छा, तो वह बकरी, आपके पापा की पत्नी है और वह बकरी का बच्चा, आपका भाई है"! शैतान सिंह ने कहा

"पागल है क्या, तूने, मुझे बकरी के खानदान का समझ रखा है"! धर्मेंद्र ने चांटा मारते हुए कहा

"जब बकरी का बच्चा, तुम्हारा भाई नहीं हो सकता, तो मैं शैतान सिंह, नाम होने से, डाकू, शैतान सिंह नहीं हो जाता, मेरा नाम शैतान सिंह है पर मैं, डाकू नहीं हूं, भिखारी हूं"! उस भिखारी ने कहा बताया

"वह तो दिख ही रहा है कि तू, डाकू नहीं, भिखारी है, बता,,,डाकू शैतान सिंह कहां है"? धर्मेंद्र ने बंदूक निकालते हुए कहा

"अरे,,,,सर यही तो है, डाकू शैतान सिंह"! पांडु ने आते हुए कहा

"नहीं पांडू,,,इसका नाम शैतान सिंह है पर यह डाकू नहीं है"! धर्मेंद्र ने बताया

"अरे,,,सर, चश्मा निकाल कर देखो, यही डाकू शैतान सिंह है"! पांडु ने जोडर देते हुए कहा

धर्मेंद्र ने चश्मा निकालकर, उसे देखा और कहा -"डाकू नहीं, भिखारी है, यार"!

"अरे,,,तुम्हारा दिमाग खसक गया है, यही डाकू, शैतान सिंह हैं"! पांडू ने चिल्लाकर कहा

"यह डाकू नहीं है, अब एक शब्द भी बोला, तो तेरे मुंह में गोली मार दूंगा"! धर्मेंद्र ने उसके मुंह पर बंदूक रखते हुए कहा

तभी लल्लू गैंग का लीडर, लल्लू कहता है -"सर,,,सब ढूंढ लिया, डाकू, शैतान सिंह कहीं भी नहीं मिला"!

"कलेक्टर साहब"! "पूरा जंगल छान मारा पर डाकू, शैतान सिंह कहीं नहीं मिला"! धर्मेंद्र के पिता के साथ आते हुए सरपंच ने कहा

"नहीं",,,,यह मेरे करियर का पहला केस है, मैं हार नहीं मानूंगा, वह चाहे पाताल में चला जाए या आसमान में, मुझे, उसको ढूंढना ही होगा"! धर्मेंद्र ने जोश से कहा

तभी बकरी के बच्चे की आवाज आती है -"मैं  एएए,,,में,,,एएए,,,

सभी आवाज की तरफ भागते हैं, आगे जाकर उन्हें जंगल में एक कुटिया दिखाई देती है -"लल्लू,,इस कुटिया में देखकर आओ, बकरी का बच्चा यंही होगा"! धर्मेंद्र ने कहा

"ठीक है, "कलेक्टर साहब"! लल्लू ने जाते हुए कहा

कुछ देर बाद

"सर,,,वह अभी तक नहीं आया, मैं उसे देखकर आता हूं"! लल्लू के साथी ही ने कहा

"ठीक है, तुम तीनों एक साथ जाओ"!धर्मेंद्र ने कहा

वह तीनों एक साथ जाते हैं, वह भी लौटकर नहीं आते,

"अरे,,,यह सब जाकर, अंदर सो तो नहीं गए, मैं देख कर आता हूं"! धर्मेंद्र के पिता ने जाते हुए कहा

"वह भी नहीं लौटते

-"अरे,,,"कलेक्टर साहब"! "मुझे तो अंदर, कुछ गड़बड़ लग रही है, मैं देख कर आता हूं"! सरपंच ने जाते हुए कहा

पर वह भी लौटकर नहीं आया

"सर,,,अब आप ही अंदर जाओ, मैं नहीं जाऊंगा"! पांडु ने डरते हुए स्पष्ट कहा

"तुझे बोलने के लिए मना किया था, तु, मुंह में गोली खाएगा आज, जा, अंदर देखकर आ"!धर्मेंद्र ने चिल्ला कर कहा

फिर पांडू भी डरता-डरता अंदर जाता है और बाहर नहीं आता

अब धर्मेंद्र और वह भिखारी ही बचे हैं -"जा, भिखारी,,अंदर देखकर, फटाफट आ और मुझे बता, अंदर क्या हो रहा है"? धर्मेंद्र ने कहा

"अरे,,यह तो मेरा घर है, "कलेक्टर साहब"!"मैं अभी आता हूं"! भिखारी कहकर अंदर गया और बाहर आकर धर्मेंद्र से कहा -"यह सभी, तुम्हारे बकरे के बच्चे की सब्जी खा रहे हैं, तुम्हें,खाना हो तो अंदर आ जाओ, शैतान सिंह बुला रहा है"! भिखारी ने कहा

यह सुनकर धर्मेंद्र का खून खौल उठता है और वह कहता है -"जब "बुलेटिया कलेक्टर" के बुलेट की आवाज आती है, तो चोर, डाकू, रिश्वतखोरों की पत्नी कहती है, शहर छोड़ कर भाग जाओ, कहीं जाकर छुप जाओ  तड़ीपार हो जाओ  बुलेटिया कलेक्टर आ रहा है और डाकू शैतान सिंह की इतनी मजाल, कि उसने, मेरे बकरी के बच्चे को काटकर, मुझे खाने के लिए इनवाइट किया, नहीं, ,,,डाकू शैतान सिंह में आ रहा हूं"!

धर्मेंद्र गुस्से से उसे कुटिया में आता है और देखता है उसके सभी साथी, एक के ऊपर एक, बेहोश पड़े हैं

-"अरे,,,यह सब मर गए क्या"? धर्मेंद्र ने पूछा

"मरे नहीं, बेहोश हुए हैं"! उस भिखारी ने बताया

"इन्हें किसने बेहोश किया"? धर्मेंद्र ने पूछा

"मैंने किया है"! एक युवक ने पर्दे की आड़ से बाहर आकर कहा

"अच्छा तो तुम हो, डाकू, शैतान सिंह"? धर्मेंद्र ने पूछा

"नहीं,,,में डाकू शैतान सिंह नहीं, उनका बेटा, डाकू, हैवान सिंह हूं"!

"तो फिर डाकू, शैतान सिंह कौन है"? धर्मेंद्र ने पूछा

"मैं,,हूं"!उस भिखारी ने धर्मेंद्र के पीछे से कहा और धर्मेंद्र पर स्प्रे मारा और उसे चक्कर आने लगे, तभी धर्मेंद्र ने शैतान सिंह का गला पकड़ा और कहा -"मैं,,,,तेरा खून पी जाऊंगा,,डाकू, शैतान सिंह"!

तभी उसके, पापा ने उसे लात मारी और वह खटिया से नीचे गिरा

"रोटियों से तेरा, पेट नहीं भर रहा है, राक्षस,,जो तू,लोगों का खून पीने की बात कर रहा है"! पिता ने चिल्ला कर कहा

धर्मेंद्र ने अपने आप को घर पर पाया तो उसे समझ आया, वह सपना देख रहा था-"अरे यार,,सब मजा बिगड़ गया, काश ऐसा हकीकत में होता"! धर्मेंद्र ने अभाव से कहा

"अब वहां, बैठा-बैठा क्या बड़बड़ा रहा है"? "जा मजदूरों को ढूंढ कर ला, आज सोयाबीन कटवानी है, उठ,,भाग"! धर्मेंद्र के पिता ने जूता मारते हुए कहा

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6 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 10:20 PM

Nice one

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Chetan Shri Krishna

01-Oct-2023 12:47 AM

Thanks mam

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HARSHADA GOSAVI

30-Sep-2023 07:06 AM

Aap yeh part 2 part banakr bhi likh saktehe sir bahot hi bada likhahe

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Chetan Shri Krishna

01-Oct-2023 12:47 AM

Jii 😀😀😀😀par aisa kar nahi paya

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Gunjan Kamal

28-Sep-2023 08:08 AM

👏👌🙏🏻

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Chetan Shri Krishna

01-Oct-2023 12:47 AM

Thanks mam

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